AI की आड़ में चीन की जासूसी? DeepSeek का तेज़ी से बढ़ना बन रहा चिंता का विषय

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चीनी टेक कंपनियों को लेकर अब संदेह होना लाज़मी है। पहले भारत में PUBG गेम बंद हुआ, उसके बाद अब अमेरिका में TikTok पर की गई कार्रवाई। हालांकि इसके बाद लोग तेज़ी से दूसरी चीनी ऐप्स का सहारा ले रहे हैं। चीन की AI कंपनी DeepSeek का नया ओपन-सोर्स जनरेटिव AI मॉडल काफी तेज़ी से लोकप्रियता पा रहा है, लेकिन वहीँ इसका इतनी तेज़ी से बढ़ना चिंता का विषय बन गया है। ख़ासतौर से अमेरिका की टेक इंडस्ट्री इससे काफी खतरा महसूस कर रही है। अब एक नया सवाल उठ खड़ा हुआ है कि DeepSeek बहुत एडवांस्ड और फ्री तो है, लेकिन क्या ये सुरक्षित है ?

दरअसल, OpenAI जैसे बड़े अमेरिकी AI मॉडलों को टक्कर दे रही DeepSeek के डाटा कलेक्शन को लेकर अब काफी सवाल उठ रहे हैं। DeepSeek की डाटा पॉलिसी के अनुसार, ये अपने यूज़र्स का सारा डाटा चीन में स्टोर करता है। दुनिया भर के लोग इस AI मॉडल को अपने लैपटॉप पर और उससे भी ज़्यादा iOS या Android फोनों पर इस्तेमाल कर रहे हैं।

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क्या DeepSeek डाटा चुरा कर चीन भेज रहा है ?

इस AI मॉडल की इस पॉलिसी के अनुसार यूज़र्स के टाइप किए हुए सवाल, चैट हिस्ट्री, वॉयस इनपुट, ये सभी कुछ चीन में सेव हो रहा है। अब खबर ये भी आ रही है कि DeepSeek एक सेंसरशिप लागू कर रहा है, जिससे वो चीन के खिलाफ कंटेंट को ब्लॉक करेगा। कुछ ही दिनों में इस ऐप पर 30 लाख से भी ज़्यादा डाउनलोड हैं। तो इन सभी की निजी जानकारी इस AI बॉट के ज़रिये कहीं चीन में तो सेव नहीं हो रही ?

टोरंटो युनिवर्सिटी के एक रिसर्चर John Scott-Railton का कहना है कि “लोगों को ये समझना चाहिए कि जब वे किसी AI प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो अपनी निजी जानकारी उनके हवाले कर रहे हैं। AI कंपनियां इसे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करती हैं, न कि आपके फायदे के लिए।”

इसके अलावा ऑस्ट्रेलियाई मिनिस्टर Ed Husic ने भी Deepseek पर प्राइवेसी को लेकर कटाक्ष किया है। उन्होंने एक टीवी इंटरव्यू के दौरान मंगलवार को कहा कि Deepseek किस तरह से डाटा मैनेज करता है और प्राइवेसी मैनेजमेंट कैसे है, इसको को लेकर अभी भी बहुत से सवाल बाकी हैं।

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क्या DeepSeek वाकई खतरनाक है?

DeepSeek तीन तरीके से अपने यूज़र्स का डाटा कलेक्ट करता है। पहला, जब यूज़र्स DeepSeek पर लॉग-इन करते समय अपनी जानकारी देते हैं, यानि उनका नाम, मेल आईडी, उम्र, फ़ोन नंबर, इत्यादि। इसके अलावा दूसरा वो आपके फ़ोन या लैपटॉप इत्यादि से इंफोर्मेशन लेता है, जैसे डिवाइस का नाम, IP एड्रेस, सिस्टम लैंग्वेज, इत्यादि। तीसरा, ये आपके टेक्स्ट और वॉयस इनपुट कलेक्ट करता है।

हालांकि इसका डेटा कलेक्शन का तरीका अन्य AI मॉडल्स के जैसा ही है, लेकिन इसका चीनी सरकार की कड़ी निगरानी में काम करना, सुरक्षा पर सवाल उठा रहा है, क्योंकि चीन में साइबर सिक्योरिटी कानूनों के तहत, सरकार किसी भी समय, किसी भी कंपनी से डाटा मांग सकती है और DeepSeek की पॉलिसी में भी है कि वो कानूनी आवश्यकताओं के लिए सरकारी एजेंसियों से डाटा साझा कर सकता है।

फिलहाल इसको लेकर सबसे ज़्यादा अमेरिका परेशान है। अब प्रश्न ये है कि क्या अमेरिका इसे भी TikTok की तरह बैन करेगा?

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Pooja ChaudharyPooja Chaudhary
Pooja has been covering technology and gadgets for more than 5 years. Most of her work has been centred around smartphones and smartphone apps, but she occasionally likes to dabble with content on people and relationships. She is also a bit of a TV junkie and is often trying to make time to catch up with her favourite shows and classic movies.

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