भारतीय सरकार ने बृहस्पतिवार को लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर और अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर कंप्यूटर और सर्वर के आयात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध (रोक) लगाने की घोषणा की है। अब से भारत में लैपटॉप या कंप्यूटर बेचने वाली किसी भी कंपनी को सरकार से बाहर से आने वाली शिपमेंट के लिए लाइसेंस लेने ज़रूरी होगा। ये नयी आयात नीति ख़ासतौर से भारत में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के आयात को कम करने और देश में ही इनके निर्माण को बढ़ावा देने और भारतीय बाज़ार के विकास को ध्यान में रखकर लगाई गयी है।
इस नयी नीति की घोषणा विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) द्वारा की गयी है। उनके अनुसार बाहर से लैपटॉप, टैबलेटम इत्यादि चीज़ों के आयात पर HSN Code 8471 के अंतर्गत ये प्रतिबंध लगाया गया है।
क्यों लगा लैपटॉप, कंप्यूटर के आयात पर प्रतिबंध और क्या है ये HSN Code 8471?
भारत सरकार द्वारा ये नयी नीति लागू करने का उद्देश्य उद्देश्य भारत में इन उत्पादों के निर्माण को बढ़ावा देना है। इसके लिए कंपनियों को प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम (योजना) के तहत सरकार द्वारा वित्तीय (फाइनेंशियल) सहायता भी दी जाएगी। अगर कोई कंपनी प्रोडक्ट्स को बनाने में दिलचस्पी लेती है और PLI के अंतर्गत सरकार की मदद चाहती है, तो उसके लिए 30 अगस्त, 2023 से पहले आवेदन देगा होगा।
इस नयी योजना से चीन और कोरिया जैसे देशों से भारत आने वाले शिपमेंट (जिनमें कंप्यूटर या इनके पार्ट्स आते हैं) कम हो जायेंगे। इससे इस योजना के साथ सरकार विदेशी देशों से आने वाले उत्पादों को कम करना चाहती है और अपने देश में उत्पादन को और मज़बूत करना चाहती है।
ये फैसला HSN Code 8471 कोड के अंतर्गत लिया गया है। HSN कोड (Harmonised System of Nomenclature) एक कोड है, जिसका इस्तेमाल प्रोडक्ट्स पर टैक्स या कर लगाते समय उन्हें पहचानने के लिए किया जाता है। HSN Code 8471 कोड के अंतर्गत डाटा प्रोसेसिंग करने वाली सभी मशीनें आती हैं। इस कोड से आयात या निर्यात (import or export) करते समय डाटा प्रोसेसिंग करने वाली मशीनों के पहचान के रूप में काम आता है। इस कोड से उन सभी उपकरणों की पहचान करने के लिए सहायता मिलती है, जो डाटा प्रोसेस करने के लिए डिज़ाइन किये गए हैं और कस्टम अधिकारी और ऑथोरिटीज़ को इन पर सही टैरिफ और टैक्स लगाने में मदद मिलती है। अंतर्राष्ट्रीय व्यापर में व्यापारियों को भी इस कोड द्वारा पत्पाद की जानकारी मिलती है और उनके लिए किसी भी प्रकार की कस्टम प्रक्रिया का सामना करना आसान हो जाता है।
क्या इसमें निर्यात पर किसी तरह की छूट मिलेगी ?
इसका जवाब है हां। कुछ ख़ास तरह के उत्पादों के लिए छूट मिल सकेगी। HSN (Harmonised System of Nomenclature) कोड के तहत कुछ उत्पादों को किन्हीं कारणों या विशेष परिस्थितियों में सरकार छूट दे सकती है। ये छूट अलग अलग देशों में अलग अलग होगी और ये आने वाले प्रोडक्ट के प्रकार, उसके उपयोग, किस देश से आ रहा है और व्यापार समझौते के आधार पर तय की जाएगी।
जैसे मेडिकल सम्बन्धी प्रोडक्ट या अन्य आवश्यक वस्तुएँ और शिक्षा अनुसंधानों और इनके विकास के लिए आने वाले उत्पादों पर टैक्स और शुल्क में छूट दी जा सकती है, जिससे देश में ये आसानी से और उपयुक्त कीमतों पर मिल सकें। इसके अलावा, HSN Code 8471 के संदर्भ में, कुछ विशेष प्रकार की मशीनों, या पार्ट्स के इस्तेमाल के प्रकार या व्यापार में उनके महत्व के आधार पर भी सरकार कुछ छूट दे सकती है।
इन छूटों को जानने के लिए सरकार द्वारा विशेष रूप से निर्दिष्ट देश के नियमों और नीतियों का पालन करना ज़रूरी होगा। ये छूटें अलग अलग देशों की आर्थिक और व्यापारिक नीतियों को देखते हुए बदलती रहेगी। इन छूटों के लिए आयात करने वाले व्यापारी 4 अगस्त से आवेदन भर सकते हैं।
ये छूट लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर, या अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर के आयात पर भी मिलेगी। हालांकि, इन आयातों पर लागू शुल्क का भुगतान पूरा करना होगा।
इसके अलावा R & D (अनुसंधान एवं विकास), तेसिंग, बेंचमार्किंग, रिपेयर और रेतुर्न, या प्रोडक्ट डेवलपमेंट के लिए एक कंसाइनमेंट में 20 वस्तुओं तक के आयात पर भी छूट मिलेगी।
क्या होगा लैपटॉप, कंप्यूटर के आयात पर प्रतिबंध लगाने का असर ?
सरकार द्वारा इस नयी नीति को लागू करने से उन कंपनियों पर सबसे ज़्यादा प्रभाव पड़ने वाला है, जो काफी भारी मात्रा में अपने लैपटॉप कंप्यूटर पार्ट्स को भारत में आयात करते हैं, जैसे कि Apple है। अब इन्हें Macbook के लिए या तो भारत में निर्माण शुरू करना होगा या फिर इन कम्प्यूटरों को अब भारत में पूरी तरह से बंद करना होगा।
Acer, Samsung, Dell, HP, Asus इत्यादि के लैपटॉप भी अक्सर चीन में अस्सेम्ब्ल होते हैं, लेकिन अब उन्हें ये काम भारत में ही करना होगा, जिससे भारतीय व्यापार पर काफी असर देखने को मिल सकता है। हालांकि इस नए निर्देश के बाद, ये कंपनियां अपने वर्तमान मॉडलों की कीमतें भी थोड़ी बढ़ा सकती हैं।
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