मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में 18 मार्च को स्मार्टफोन फटने से फिर एक दुखद घटना हुई। एक 19 वर्षीय गोलगप्पे विक्रेता अरविंद की पैंट की जेब में रखा स्मार्टफोन अचानक उस समय फट गया, जब वो बाइक (मोटरसाइकिल) चला रहा था। ये एक सेकंड-हैंड मोबाइल फोन था, जो उस वक्त फटा, जब अरविंद अपनी बाइक से उदनखेड़ी टोल प्लाजा के पास से गुज़र रहा था। फोन फटने से बाइक का संतुलन बिगड़ गया और अरविन्द अचानक सड़क पर गिर पड़े, जिससे उनके सिर और प्राइवेट पार्ट्स में में गंभीर चोटें आईं।
राह चलते कई लोगों ने इस व्यक्ति की मदद करते हुए तुरंत इसे सारंगपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से उन्हें शाजापुर भेज दिया गया। डॉक्टरों के मुताबिक, अब उनकी हालत बेहतर है और वो जानलेवा खतरों से बाहर हैं। हालांकि ये घटना नकली और घटिया इलेक्ट्रॉनिक्स से होने वाले खतरों को काफी साफ साफ उजागर करती है।
अरविंद के भाई के अनुसार, उन्होंने ये सेकंड-हैंड फोन अपनी छोटी सी गोलगप्पे की दुकान की बचत से खरीदा था और इसे रातभर चार्जिंग पर रखा था, जो हममें से कई लोगों की आदत होती है और इसके बाद उन्होंने इसे सुबह जेब में रखा और चले गए।

उन्होंने जिस स्थानीय मोबाइल विक्रेता, भगवान सिंह राजपूत से मोबाइल लिया था, उसके अनुसार, सेकंड-हैंड मोबाइल में अक्सर सस्ते और नकली “चीनी बैटरियां” डाली जाती हैं, जिनमें जरूरत से ज़्यादा चार्ज होने पर फटने का खतरा होता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये घटना भारत में बिना निगरानी के बढ़ते सेकंड-हैंड मोबाइल बाज़ार की एक आम लेकिन गंभीर समस्या है।
पहली बार नहीं हुआ ऐसा हादसा
हालांकि, मोबाइल फोन में विस्फोट कम होते हैं, लेकिन भारत में इस तरह की घटनाएं पहले भी हुई हैं। दिसंबर 2024 में महाराष्ट्र में CMF Phone (1) में हुए विस्फोट से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। वहीं, मई 2024 में असम में चार्जिंग के दौरान ओवरहीटिंग से फोन फटने के कारण भी एक व्यक्ति को जान गंवानी पड़ी।
भारत में नकली बैटरियों या अन्य नकली पुर्जों से तैयार किए गए सेकंड-हैंड फोनों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है, जिससे कम आय वाले ग्राहकों की सुरक्षा खतरे में है। हमारे देश में इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में इस तरह की छोटी मोटी दुकानें, जहां ये काम होते हैं, निगरानी का अभाव है, जिससे लोग खराब और असुरक्षित प्रोडक्ट्स का शिकार आसानी से बन जाते हैं।
भविष्य पर क्या होसा इसका असर ?
अरविंद के साथ हुई ये घटना, इस व्यक्ति के भविष्य पर गहरा प्रभाव छोड़ सकती है। गंभीर चोटें होने से उनकी सेहत और आजीविका पर लंबे समय तक असर पड़ सकता है। डॉक्टरों के अनुसार, प्राइवेट पार्ट्स की चोट के कारण सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है, जिससे उनकी प्रजनन क्षमता पर भी असर होने की सम्भावना है। ये उनके परिवार के लिए भी एक बड़ा झटका साबित हो सकता है।
सुरक्षा विशेषज्ञ उपभोक्ताओं को चार्जिंग के तरीकों और प्रमाणित बैटरियों के उपयोग पर बेहतर शिक्षा देने के साथ-साथ सेकंड-हैंड डिवाइस की बिक्री पर कड़े नियम लागू करने की मांग कर रहे हैं।
इस तरह की घटनाओं से सुरक्षित कैसे रहें?

सरकार ने अब तक इस घटना की जांच शुरू नहीं की है और न ही फोन के ब्रांड का खुलासा किया गया है। लेकिन ये हादसा भारत में सेकंड-हैंड मोबाइल मार्केट की अनदेखी सुरक्षा समस्याओं पर प्रश्न खड़ा करता है।
इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए हमें केवल प्रमाणित चार्जर और बैटरी का इस्तेमाल करना चाहिए, फोन चार्जिंग के दौरान ज़्यादा गर्म हो रहा हो तो तुरंत सावधानी बरतनी चाहिए। यदि फोन की बैटरी फूली हुई लगे, तो उसे तुरंत बदलवाना चाहिए और इसके लिए अधिकृत सर्विस सेंटर पर ही जाना चाहिए, कोई सस्ती बैटरी आपकी जान के लिए काफी महंगी पड़ सकती है। इसके अलावा रातभर फोन चार्जिंग पर न छोड़ें और ज़रा भी गर्म लगने पर जेब में न रखें।
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