बाज़ार में सब्ज़ी खरीदने से लेकर खाना ऑनलाइन आर्डर करना, हॉस्पिटल में कंसल्टेशन फीस या किसी को कोई बड़ी रकम भेजने तक मैं तो लगभग हर चीज़ के लिए UPI का ही इस्तेमाल करती हूँ, और शायद आप में से भी बहुतों का पेमेंट करने का मुख्य तरीका UPI ऐप्स ही होंगी। 2016 में NPCI द्वारा लाया गया ये नया तरीका कोविड 19 के दौर से प्रचलित होकर अब काफी बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि 2024 जनवरी से UPI पेमेंट्स में कई बदलाव होने वाले हैं, जिनका असर हम सभी पर पड़ेगा। आइये जानते हैं कि सर्कार UPI पेमेंट्स में इस साल से कौन से बदलाव लागू कर सकती है।
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UPI ट्रांसैक्शन की लिमिट बढ़ाई जाएगी
पिछले महीने ही रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के गवर्नर ने UPI पेमेंट्स की लिमिट को बढ़ाने की घोषणा की थी। इस साल यानि 1 जनवरी 2024 से अस्पताल और शिक्षा संस्थाओं के लिए UPI पेमेंट्स की लिमिट को 1 लाख से बढ़ाके 5 लाख रुपए कर दिया गया है। अब आप अस्पताल के बिल या किसी कॉलेज की फीस भी आसानी से UPI पेमेंट्स द्वारा भर सकेंगे।
ये UPI आईडी किये जायेंगे डिएक्टिवेट
NPCI ने सभी प्रचलित UPI ऐप्स जैसे Google Pay, Paytm, PhonePe, इत्यादि और बैंकों को ये निर्देश दिया है कि जो UPI आईडी 31 दिसंबर, 2023 से एक साल पहले से इस्तेमाल नहीं की जा रही है, उन सभी आईडी को 2024 में बंद कर दिया जाए। ये कदम गलत आईडी पर भुगतान होने जैसी गलतियों को रोकेगा। ऐसे में जिनके मोबाइल नंबर बदल गए हैं और उन्होंने पुराने नंबर से जुड़ी पुरानी UPI आईडी को बंद किये बिना नए नंबर से नयी आईडी चालू कर ली है, उन सभी आईडी को बंद किया जायेगा, जिससे गलत ट्रांसक्शन होने से बच सके। अगर आपने लम्बे समय से अपनी आईडी को इस्तेमाल नहीं किया है और आप चाहते हैं कि आपकी यूपीआई आईडी डिएक्टिवेट ना की जाए, तो तुरंत उसे इस्तेमाल करें।
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1 लाख तक की यूपीआई पेमेंट पर अभी कोई ऑथेंटिकेशन नहीं होगा
RBI की घोषणा के अनुसार 1 लाख रुपए तक के UPI ट्रांसफर या भुगतान पर कोई अतिरिक्त ऑथेंटिकेशन की आवश्यकता अब नहीं होगी। इसके बाद आप 1 लाख तक की रकम को बिना AFA म्यूच्यूअल फण्ड, क्रेडिट कार्ड पेमेंट, इत्यादि जगहों पर UPI द्वारा भेज सकते हैं। इससे पहले बिना AFA (additional factor authentication) केवल 15,000 तक की राशि ट्रांसफर की जा सकती थी।
बढ़ेगी UPI Lite वॉलेट की लिमिट
इस साल केवल UPI ही नहीं, बल्कि UPI Lite वॉलेट यानि जिससे आप ऑफलाइन या बिना पिन कोड डाले भी पेमेंट कर सकते हैं, उसकी लिमिट को भी प्रतिदिन 200 से बढ़ाकर 500 रुपए कर दिया जायेगा। इससे आप अधिकतम 2000 रुपए तक की रकम ट्रांसफर कर सकेंगे। ये कदम उन जगहों पर जहां अच्छी इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं है, वहाँ डिजिटल पेमेंट्स को प्रमोट करने के लिए उठाया गया है।
2000 से ऊपर के UPI ट्रांसफर पर मर्चेंट्स को देनी होगी इंटरचेंज फीस
NPCI ने काफी समय पहले ये घोषणा की थी कि UPI पेमेंट्स ट्रांसफर करने पर मर्चेंट्स को 1.1% की इंटरचेंज फीस देनी होगी। जो UPI ट्रांसैक्शन UPI वॉलेट जैसे Paytm या PhonePe वॉलेट का इस्तेमाल करते हुए 2,000 रुपए से ऊपर के ट्रांसफर या पेमेंट्स करेगा, उनको ये फीस अदा करनी होगी।
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इन पेमेंट्स की ट्रांसैक्शन पर लगेगी 4 घंटे की समय सीमा
ऑनलाइन पेमेंट्स में बढ़ते फ्रॉड के केस देखने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने ये प्रोपोज़ल सामने रखा है कि जो यूज़र पहली बार किसी नए नंबर (जिस पर पहले पेमेंट नहीं की) पर 2,000 रुपए से अधिक का भुगतान कर रहे हैं, उनके लिए 4 घंटे की समय सीमा होनी चाहिए। इससे अगर आपको सही नहीं लगता, या आप अपने पैसे वापस लेना चाहते हैं, तो आसानी से आप किसी फ्रॉड से बच सकें। यह 4 घंटे की सीमा जितनी बार यूज़र किसी नए नंबर पर 2,000 रुपए से अधिक रुपए भेजता है, हर बार लगनी चाहिए।
लॉन्च होगी UPI ATM सर्विस
RBI ने योजना बनायी है कि पूरे देश में UPI ATM सर्विस शुरू की जाएगी। इसके लिए रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने जापानी कंपनी Hitachi के साथ साझेदारी की है, जिससे ऐसे ATM तैयार किये जायेंगे, जहां आपको QR कोड स्कैन करके पैसे निकालने की सुविधा मिलेगी। Hitachi Payment Services ने देश का पहला UPI-ATM लॉन्च भी कर दिया है, इसका नाम White Label ATM (WLA) है।
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