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भारतीय ई-कॉमर्स बाज़ार में Amazon, Flipkart का राज खत्म करने के लिए सरकार ने लॉन्च की है ONDC, जानें इसके बारे में सब कुछ

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भारत में ऑनलाइन शॉपिंग या ई-कॉमर्स के क्षेत्र में Amazon और Flipkart का राज रहा है। लेकिन अब भारत सरकार ने तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स के बाज़ार में इन कंपनियों को टक्कर देने के लिए एक स्वदेशी और सरकारी Open Network for Digital Commerce (ONDC) लॉन्च किया।

लेकिन अब ताज़ा खबर ये कि Flipkart, Reliance और Amazon जैसे बड़े ऑनलाइन रिटेल कंपनियां इस ओपन नेटवर्क यानि ONDC में शामिल होने की तैयारी में हैं। ET की रिपोर्ट की मानें तो, बेंगलुरु समेत 5 शहरों में किराना और छोटे व मध्यम व्यवसायों को भी इस नेटवर्क में शामिल करने के लिए सरकार द्वारा एक पायलट प्रोग्राम पहले से चल रहा है।

इस आर्टिकल में हम आपको सरकार के इस महत्वाकांक्षी ओएनडीसी प्लेटफॉर्म से जुड़ी हर चीज के बारे में बताने की कोशिश करेंगे, कि इस प्रोग्राम के साथ ई-कॉमर्स का क्षेत्र भी उसी तरह बदल सकता है, जैसे UPI के आने से डिजिटल बैंकिंग में नया बदलाव कई सुविधाएं लेकर आया।

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ONDC क्या है ?

Open Network for Digital Commerce (ONDC) एक गैर-लाभकारी (नॉन-प्रॉफिट) लेकिन निजी कंपनी है, जिसे उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (Department for Promotion of Industry and Internal Trade) द्वारा बनाया गया है। यहां आपको छोटे से बड़े तक कई ई-कॉमर्स कंपनियों या स्टोरों का नेटवर्क मिलेगा, जो भारत में Amazon और Flipkart की मोनोपोली या प्रभुत्व को खत्म करने में सहायक हो सकता है।

जैसा कि हमने आपको बताया, ये एक ओपन नेटवर्क है, जहां छोटे-बड़े लोकल स्टोरों जैसे फ़ूड डिलीवरी, होटल बुकिंग, ग्रोसरी यानि किराना स्टोर भी इसमें शामिल हो सकेंगे और इन पर उपलब्ध आइटम किसी भी नेटवर्क ऐप पर खोजे जाने पर उनके साथ नज़र आएंगे। उदहारण के लिए, यदि Amazon और Flipkart दोनों अपने प्लेटफॉर्म को ONDC में इंटेग्रटे (एकीकृत) करते हैं, तो Amazon पर कॉफी मशीन ढूंढने पर यूज़र को Amazon के साथ Flipkart पर उपलब्ध कॉफ़ी मशीन के परिणाम भी दिखाई देंगे।

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ONDC कैसे काम करता है ?

इस प्लैटफॉर्म का उद्देश्य लघु और मध्यम व्यापारों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लाने के लिए एक मौका देना है और साथ ही डिजिटल मोनोपॉली यानि एकाधिकार को रोकना भी है। यह पहल उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (Department for Promotion of Industry and Internal Trade) द्वारा की गई है।

सरकार के अनुसार अभी जो कंपनियां ई-कॉमर्स की दुनिया में मौजूद हैं, उनका ही एकाधिकार चल रहा है, और ऑनलाइन बाज़ार उन्हीं के द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है। हालांकि सरकार के इस नेटवर्क में Flipkart और Amazon भी शामिल होने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। अगर ऐसा होता है, तो वो बाकी छोटे विक्रेताओं के साथ मिलकर ग्राहकों के लिए सामान की पूर्ती आसानी से कर पाएंगे। साथ ही फिलहाल ई-कॉमर्स की दुनिया में जहां Amazon और Flipkart का कब्ज़ा ही 60% है, ONDC के आने से ये कम होगा और प्रतियोगिता बढ़ेगी।

इस नेटवर्क के साथ सरकार का लक्ष्य अगले दो सालों में 1.35 बिलियन लोगों के इस देश में उपभोक्ता खरीद के मामले में ई-कॉमर्स की पहुंच को बढ़ाकर 25% करना है, जो फिलहाल लगभग 8% है। साथ ही इस प्लेटफार्म पर सरकार लगभग 1.5 मिलियन विक्रेता और 900 मिलियन ग्राहकों को जोड़ना चाहती है।

ONDC कब और कहाँ से कार्य शुरू करेगा ?

ओएनडीसी भारत के 5 शहरों- बेंगलुरु, नई दिल्ली, कोयंबटूर, भोपाल और शिलांग में अपना पायलट प्रोग्राम शुरू कर चुका है। इसका लक्ष्य अगस्त 2022 तक ही लगभग 100 शहरों में सर्विस को चालू करना है और ऊपर बताये गए मौजूद 5 शहरों में इसे पूरी तरह से जनता के लिए खोलना है। अभी के लिए ये पायलट प्रोग्राम 5 विक्रेताओं और खरीदारों के सीमित समूह के साथ बीटा-टेस्टिंग के रूप में मौजूद है।

ONDC के ट्रांसेक्शन टारगेट क्या हैं और ये एक अच्छी प्रतियोगिता को कैसे बढ़ावा देगा ?

जैसे कि हमने बताया ONDC अगले दो सालों में ई-कॉमर्स में देश की जनता की खरीद को मौजूदा 8% खरीद से बढ़ाकर 25% तक ले जाने का लक्ष्य रखता है।

सरकार का लक्ष्य, अगले 5 वर्षों में इस नेटवर्क से 900 मिलियन ग्राहकों और 1.2 मिलियन विक्रेताओं के साथ 48 बिलियन डॉलर की मर्चेंडाइस वैल्यू को प्राप्त करना है। अगर ONDC नेटवर्क अपने लक्ष्य को पा लेता है, तो भारतीय ई-कॉमर्स बाज़ार में Amazon और Flipkart का नियंत्रण कम हो जायेगा।

ONDC के साथ देश के छोटे व्यापारियों को बढ़ने का मौका मिलेगा। साथ ही जो लोकल ग्राहक हैं, वो भी ऐप में भारतीय भाषाओं के साथ शामिल हो सकेंगे। साथ ही यहां यूज़र सर्विस या आइटम को रेट भी कर सकेगा, जो नेटवर्क पर कहीं भी देखा जा सके।

नामी कंपनियां जो ONDC का हिस्सा बन चुकी हैं।

Flipkart की Ekart और PhonePe भी इसका हिस्सा बन चुकी हैं। Paytm ऐप भी इसमें शामिल होने का आवेदन दे चुकी है। इसके अलावा Reliance की Dunzo भी ONDC में एकीकृत होने की तैयारी में है। बैंकों की बात करें तो, स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, एक्सिस बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, HDFC, कोटक महिंद्रा बैंक भी इसका हिस्सा बनने की तैयारी कर रहे हैं, जो ONDC में लेंडर यानि लोन देने वाले की भूमिका निभाएंगे। इसके अलावा टेलीकॉम ऑपरेटर Airtel और Vodafone Idea भी इसमें निवेश करने की योजना बना रहे हैं। रिपोर्ट तो यहां तक कह रही हैं, कि Google भी ONDC में निवेश कर सकता है।

ONDC कैसे काम करेगा और क्या समस्याएं इसके सामने आ सकती हैं ?

FILE PHOTO: A man walks past the sign “Google for India” at the company’s annual technology event in New Delhi, India, on September 19, 2019. REUTERS/Sankalp Phartiyal/File Photo

ONDC पर ग्राहक Amazon, Flipkart, Myntra जैसे कई बड़े और छोटे स्टोरों को एक्सेस कर सकेगा। ये आप किसी भी ऐप से कर पाएंगे, जो ONDC के साथ इंटीग्रेटेड है। यहां छोटे विक्रेता भी लोजिस्टिक्स के साथ मिलकर डिलीवरी को संभालेंगे। जिस तरह Paytm, PhonePE और Google Pay सभी एप्लीकेशनों में UPI सेवा है। इसी तरह Amazon, Flipkart, Paytm, इत्यादि सभी ऐप्स में ONDC नेटवर्क द्वारा अब सुविधा मिलेगी।

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