भारत में 4G के बाद अब 5G नेटवर्क जल्दी ही शुरू होने वाला है और इंटरनेट की स्पीड भी और बेहतर मिलेगी। भारत सरकार ने 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी की तैयारियां शुरू कर दी हैं और ये इसी साल में होने वाला है। भारत में टेलीकॉम ऑपरेटरों द्वारा लोगों तक 5G मोबाइल सेवाएं 2022-23 के बीच ही शुरू होने की पूरी पूरी उम्मीद है, जिसके लिए विभिन्न शहरों में ट्रायल चल रहे हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि ये 5G रोलआउट भारत की अर्थव्यवस्था को और मज़बूत बनाएगा और लोगों के लिए नौकरी के मार्ग भी ज़्यादा खुलेंगे।
5G सर्विस भारत की अर्थव्यवस्था में लगभग 450 बिलियन डॉलर का योगदान दे सकती है। इससे देश के विकास में और तेज़ी आएगी, साथ ही अन्य देशों जैसे कि जापान, इत्यादि के साथ साझेदारी में काम करने के मौके भी ज़्यादा मिलेंगे। हाल ही में जापान के NEC कॉर्पोरेशन चेयरमैन नोबुहीरो एंडो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से टोक्यो में मुलाक़ात के दौरान ये सुनिश्चित किया कि वो भारत में 5G प्रोजेक्ट में योगदान देंगे। अगर ऐसा होता है, तो भारत में बहुत से लोगों को रोज़गार भी मिलेगा।
5G रोलआउट को लेकर भारत सरकार क्या कहती है ?
हमारे यूनियन मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव के अनुसार, भारत में 5G नेटवर्क का रोलआउट सितम्बर तक शुरू हो जाना चाहिए, क्योंकि कंपनियों ने इस सर्विस को लोगों तक पहुंचाने के लिए 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी से छः महीने तक का ही समय माँगा है। हालांकि टेलीकॉम कंपनियों को 5G नेटवर्क की टेस्टिंग के लिए मई 2022 तक का समय दिया गया है, जो कि काफी है। तो मुमकिन है कि टेस्टिंग और स्पेक्ट्रम की नीलामी के बाद कंपनियां अपने काम में तेज़ी दिखाएं और जल्दी ही कमर्शियल रोलआउट शुरू हो। हालांकि ये भी हो सकता है कि कंपनियां इसे सीमित राज्यों के साथ शुरू करते हुए आगे बढ़ें।
इसके अलावा बजट प्रस्तुत करते समय वित्त मंत्री निर्मला सीथारमन के भी कहा था कि, 2022-23 की अवधि में 5G मोबाइल सर्विस शुरू हो जाएगी। उन्होंने बताया था कि सरकार स्पेक्ट्रम की नीलामी को लेकर टेलीकॉम कंपनियों व अन्य स्टेकहोल्डरों से विचार-विमर्श कर रही है।
TRAI ने भी बताया है कि वो लगभग 7.5 लाख रूपए की एयरवेव की नीलामी करने की योजना बना रहे हैं। इसके अलावा रिपोर्टों के अनुसार TRAI ने मौजूदा बैंड 700 MHz, 800 MHz, 900 MHz, 1800 MHz, 2100 MHz, 2300 MHz, और 2500 MHz के साथ साथ नए 5G बैंड 600 MHz, 3300-3670 MHz और 24.25-28.5 GHz की नीलामी की योजना बनायी है। फिलहाल भारत में फाइबर बैकबोन 1.5 मिलियन किलोमीटर तक है, सरकार की योजना इसे 2022 में 2.5 मिलियन किलोमीटर तक बढ़ाने की है।
इसके अलावा गुजरात के दूरसंचार मंत्री देवसिंह चौहान ने भी कहा है कि 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी बहुत जल्दी शुरू होगी और इस साल के अंत से पहले राज्य में 5G नेटवर्क रोलआउट शुरू हो चुका होगा।
इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन के अनुसार भी, भारत में 2026 तक 5G सब्सक्रिप्शन 350 मिलियन तक होंगे और अगले पांच सालों में ये संख्या 500 मिलियन तक जायेगी और इसका कारण होगा ज़्यादा लोगों की पहुँच में मोबाइल फ़ोन होना और हाई-स्पीड इंटरनेट डाटा की कीमत में गिरावट।
2025 तक भारत में लगभग 22 मिलियन ऐसे कार्यकर्ता भी चाहिए होंगे, जिन्हें 5G टेक्नोलॉजी की अच्छी समझ हो।