भारतीय सरकार ने कोरोना वायरस के चलते देशभर में लॉकडाउन किया हुआ है। इसी के साथ सर्कार ने Covid-19 ट्रैकिंग एप्लीकेशन Aarogya Setu को भी लांच किया था। एप्प के लांच के बाद से इसकी प्राइवेसी को लेकर कुछ सवाल भी उठ रहे थे जिसको देखते हुए कंपनी ने एंड्राइड वर्जन ओपन सोर्स कर दिया है।
The #AarogyaSetuApp is now open source. Read the attached release documents to know more. pic.twitter.com/dubwKQTK0w
— Aarogya Setu (@SetuAarogya) May 26, 2020
Aarogye Setu Open Source के फायदे
Aarogye Setu एप्लीकेशन से जुडी यह घोषणा नीति आयोग के सीईओ अमिताब कान्त की है।
आकड़ों के अनुसार आरोग्य सेतु एप्लीकेशन के 90% यूजर एंड्राइड डिवाइसों का इस्तेमाल करते है।ओपन सोर्स होने का मतलब है कि दुनिया का कोई भी डेवलपर यह जान सकता है कि आरोग्य सेतु में कौन-कौन सी जानकारी स्टोर हो रही है और एप आपके फोन में क्या कर रहा है।
बग बाउन्टी प्रोग्राम हुआ शुरू
Aarogya Setu ऐप को ओपन सोर्स बनाने के साथ ही नीति आयोग ने एक बग बाउंटी प्रोग्राम को भी लॉन्च किया है। इस प्रोग्राम के तहत Aarogya Setu ऐप में बग खोजने वाले व्यक्ति को एक लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा।
सरकार ने यह भी कहा है कि डेवलपर्स के पास अगर Aarogya Setu ऐप को कोई नया सुझाव है या इसमें कोई कमी नजर आती है तो वह जरूर बताएं।
अमिताभ कांत ने यह भी कहा कि ‘Aarogya Setu ऐप को 15 दिनों में 5 करोड़ लोगों ने डाउनलोड किया, वहीं 40 दिनों में ये संख्या बढ़कर 10 करोड़ हो गई। इस कोविड-19 ट्रेसिंग ऐप ने 3 से 17 दिनों में 3 हजार हॉटस्पॉट की सम्भावना जाहिर की जो आगे चलकर काफी फायदेमंद भी साबित हुई।
साथ ही 8 लाख से ज्यादा लोगों ने खुद से ही कोरोना को लेकर खुद की सुरक्षा के लिए सेल्फ टेस्टिंग भी की। एप्लीकेशन ने संक्रमण के संभावित एरिया के 140,000 से अधिक लोगों को ब्लूटूथ के माध्यम से सचेत किया है।’
1 cylinder LPG