प्राइवेट नहीं है आपकी प्राइवेट ब्राऊज़िंग

Main Image
  • Like
  • Comment
  • Share

अगर आप सोचते हैं कि अपने ब्राउज़र में प्राइवेट ब्राऊज़िंग ऑप्शन का इस्तेमाल करके आपकी सर्फिंग जानकारियां सुरक्षित और छुपी हुई हैं, तो ऐसा गलत है; दो जर्मन सुरक्षा अनुसंधानकर्ताओं ने यह दर्शाया है कि गुमनाम रूप से ब्राउज़िंग किया गया डेटा भी खोजना संभव है।

दरअसल यह तथ्य सामने तब आया जब उन्होंने एक जज और एक राजनेता की गुप्त ब्राऊज़िंग जानकारी हासिल कर यह पता लगाया कि कैसे वे अश्लील वेबसाइट और प्रतिबंधित ड्रग्स के सेवन में लिप्त थे।

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार शोधकर्ता सेवे एकरर्ट और एंड्रियास डेविस ने बताया कि वे ‘क्लिकस्ट्रिम’ डेटा को अवरुद्ध करके तीन लाख जर्मन नागरिकों की ब्राउज़िंग आदतों को इकट्ठा करने में सक्षम थे। ऐसा करके, इस जोड़ी ने एक न्यायाधीश की अश्लील ब्राउज़िंग आदतों, एक साइबर अपराध जांच और एक राजनेता की दवा वरीयताओं के बारे में जानकारी हासिल की।


सुरक्षा अनुसंधानकर्ताओं ने यह जानकारी Clickstreams द्वारा हासिल की। Clickstreams ब्राउज़र प्लग इन और अन्य सेवाओं द्वारा रिकॉर्ड इकट्ठे करती है, उन्होंने बताया कि वे आसानी से एक व्यक्ति के ब्राऊज़िंग जानकारी लिंक करने में सक्षम हैं।

उन्होंने क्लिकस्ट्रीम के बारे में जानकारी का विश्लेषण करके, लोगों के वेब गतिविधि के ब्राउज़र प्लगिन और अन्य सेवाओं द्वारा एकत्र किए गए रिकॉर्ड का विश्लेषण किया। इन प्लगइन्स द्वारा इकट्ठा किए गए डेटा को विज्ञापनदाताओं को बेचने से पहले अनजान किया जाता है और किसी व्यक्ति के नाम के बजाय ग्राहक आइडेंटिफ़ायर नंबर दिया जाता है।

हालांकि इस डेटा का उपयोग advertising campaigns को टारगेट करने के लिए किया जाता है और किसी भी व्यक्तिगत जानकारी को रिकॉर्ड करने का मतलब यह नहीं है कि किसी व्यक्ति के विरुद्ध इसका प्रयोग किया जाए।

यह data काफी सुरक्षित होना चाहिए, मगर अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि इस सुरक्षा चरण को पार करना बेहद आसान था, और इससे विशिष्ट उपयोगकर्ताओं के बारे में संवेदनशील विवरण प्रकट किया जा सकता है।

इस तरह आसानी से प्राइवेट ब्राऊज़िंग का पता लगाना काफी भयावह है और इसका दुरुपयोग किया जा सकता है। इसके जरिये कई बड़े नामों की ब्राउसिंग हिस्ट्री को खंगाला जा सकता है और ब्लैकमेलिंग की जा सकती है।
हालांकि शोधकर्ताओं ने अब सभी संवेदनशील आंकड़ों को हटा दिया है, जो उन्होंने इकट्ठा किया था, क्यों कि वे खुद हैक होने के बारे में चिंतित थे।

Related Articles

ImageJio e-SIM को कैसे एक्टिवेट करें ?

फिज़िकल सिम की जगह e-SIM के कई फायदे हैं, जो हम आपको पहले बता चुके हैं। ऐसे में अगर आप भी फिज़िकल सिम की जगह e-SIM अपने फ़ोन में एक्टिवेट करना चाहते हैं, तो इसका तरीका बहुत ही आसान है। यहां हम Jio eSIM के बारे में बात कर रहे हैं। आपके Android या iPhone, …

Imageइन शहरों में भी पहुँचा Jio 5G नेटवर्क, 61 रूपए में मिलेगा 5G डेटा का अनुभव

Jio अपने 5G नेटवर्क को पूरे देश भर में पहुँचाने का काम जोरों-शोरों से कर रहा है। दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, हैदराबाद, मोहाली, पंचकुला, जीरकपुर, खरार, डेराबस्सी, त्रिवेंद्रम, मैसूर, नासिक, औरंगाबाद और चंडीगढ़ आदि राज्यों के बाद Jio अब कानपुर, आगरा और प्रयागराज सहित सात नए राज्यों में 5G नेटवर्क की सुविधा को शुरू करने जा …

Imageभारत में साइबर क्राइम की शिकायत कैसे दर्ज कराएं

भारत में इंटरनेट अब केवल मनोरंजन का एक साधन नहीं है, जिस पर आप केवल फिल्में देखें या सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करें। बढ़ती हुई टेक्नोलॉजी के साथ, लोगों के जीवन में इंटरनेट एक सबसे ज़्यादा इस्तेमाल की जाने वाली सर्विस है, जिसके साथ हम बच्चों के स्कूल की फीस से लेकर बिजली, गैस …

Imageनहीं हो रहा एंड्रॉइड फ़ोन चार्ज? – इन 5 ट्रिक्स से बन सकता है आपका काम

कई बार ऐसा हो जाता है कि हमारा एंड्रॉइड फ़ोन चार्ज होना अचानक बंद हो जाता है। ख़ासतौर से यदि थोड़ा पुराना है तो। इसके लिए चिंता मत करें। इस समस्या का हल निकाला जा सकता है! एंड्रॉइड फोनों के साथ ये एक आम समस्या है। लेकिन ऐसा होता क्यों है, कि फ़ोन अचानक चार्जिंग …

Imageक्या है Blue Aadhaar कार्ड, कैसे करें अप्लाई ?

भारत में आधार कार्ड की महत्ता बताने की ज़रुरत नहीं है। भारत के सभी नागरिकों के लिए आधार कार्ड न केवल एक पहचान पत्र है, बल्कि ये पूर्ण रूप से आपकी पहचान है, जिसके द्वारा आपका कोई काम जैसे बैंकों में अकाउंट खुलवाना, कोई नयी संपत्ति या गाड़ी खरीदना, दफ्तर में प्रूफ, बच्चों का स्कूल …

Discuss

Be the first to leave a comment.