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OnePlus ने फिर किया धोखा – Geekbench ने OnePlus 9, 9 Pro को किया लिस्ट से बाहर

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OnePlus के फ़ोन ज़्यादातर अपने परफॉरमेंस के लिए जाने जाते हैं। भारत में इन स्मार्टफोनों को काफी सराहा भी गया है। शुरुआत के कुछ सालों के बाद इनके फ़ोन लगातार महंगे होते रहे हैं, लेकिन लोगों को यही उम्मीद रही कि हर नए स्मार्टफोन के साथ ये ब्रांड परफॉरमेंस को और बेहतर कर सकती है। लेकिन आज आप ये जानकर हैरान हो जायेंगे कि इस ब्रांड के नवीनतम फ्लैगशिप स्मार्टफोन OnePlus 9 Pro से आप जैसी उम्मीद लगा रहे हैं, ये वैसी परफॉरमेंस आपको नहीं दे रहा, साथ ही ये ब्रांड अपने ग्राहकों को धोखा दे रही है।

OnePlus 9 Pro पर कुछ टेस्ट किये गए और जाना कि कुछ प्रचलित एप्लीकेशनों को चलाने पर बाकी के Snapdragon 888 चिपसेट वाले स्मार्टफोनों के मुकाबले इसकी परफॉरमेंस बेहतर नहीं बल्कि और ज्यादा ख़राब हो जाती है। वहीँ जब इस पर बेंचमार्क चलाते हैं तो ये सही परफॉरमेंस देने लगता है। ये जानते हुए आज गीकबेंच (Geekbench) ने भी OnePlus के इस फ़ोन को बेंचमार्किंग में हेर-फेर करने पर लिस्ट से बाहर कर दिया है।

OnePlus पर ये टेस्ट Anandtech, ने किये हैं। जब इस फ्लैगशिप स्मार्टफोन पर Speedometer 2.0 और JetStream 2.0 जैसे बेंचमार्क चलाये गए, तो OnePlus 9 Pro ने बहुत ही कम स्कोर दिखाया। ये स्कोर कुछ साल पहले आये किफायती स्मार्टफोनों के स्कोर के बराबर सा था। इसके बाद पता चला कि ये फ़ोन Cortex-X1 को कुछ ऐप्स के दौरान बिलकुल इस्तेमाल नहीं करता और Cortex A78 का इस्तेमाल भी ना के बराबर करता है। इन ऐप्स के दौरान पूरा ज़ोर सिर्फ Cortex-A55 कोर पर होता है और परफॉरमेंस हद से ज्यादा कम हो जाता है।

इस फ़ोन में OnePlus परफॉरमेंस सर्विस मिली जो उपयोगकर्ता के एप्लीकेशन खोलते ही उसके अनुसार सीपीयू के काम या कोर के इस्तेमाल को बदलती रहती है। ऐसे में कुछ ऐप्स में जब परफॉरमेंस कम होती है तो बैटरी लाइफ तो बढ़ ही जाती है, लेकिन फिर भी ये एक तरह का धोखा ही है। बाकी भी कुछ कंपनियों ने इस तरह की अपनी सर्विस बनायी हुईं हैं जिनसे वो फ़ोन के परफॉरमेंस को कुछ हद तक नियंत्रित कर सकते हैं। लेकिन OnePlus अपने इस फ़ोन में जिन ऐप्स की परफॉरमेंस को कम कर रहा है वो काफी प्रचलित और ज्यादा इस्तेमाल होने वाली ऐप्स हैं जैसे कि फेसबुक, इंस्टाग्राम, माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस ऐप्स, फायरफॉक्स, यूट्यूब, ट्विटर, ज़ूम, Whatsapp, इत्यादि।

OnePlus की ये हरकत देखने के बाद Geekbench ने भी OnePlus 9, 9 Pro को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि वो दूसरे OnePlus के फ़ोन भी टेस्ट करेंगे और अगर उनमें भी ऐसा ही होता है तो उन्हें भी लिस्ट से बाहर किया जायेगा।

अब पश्न ये है कि लॉन्च के इतने समय बाद तक ये कमी नज़र क्यों नहीं आयी। इसका अर्थ यही है कि साधारणत: इस्तेमाल करने पर कोई ख़ास कमी नज़र नहीं आयी, लेकिन जब इसे बाकी स्नैपड्रैगन 888 चिपसेट के फोनों के साथ रखकर देखते हैं तो कुछ ऐप्स में ये कम परफॉरमेंस देता है, जबकि इसकी कीमत काफी अधिक है।

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