आज से मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी सिर्फ 4 दिन में पूरी हो जाएगी। अभी तक इस पूरी प्रक्रिया में 15 दिन का समय लगता है। तो अब पोर्टेबिलिटी में तेज़ी मिलेगी जो यूजर के लिए एक अच्छी खबर भी है। प्रक्रिया में तेज़ी के साथ ही अब नियमों में भी कुछ बदलाव किये गये है जिनके बाद ही आप पोर्टेबिलिटी का सुविधा उठा सकते है।
TRAI के मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी से जुड़े नए नियम
यह तो बताने की जरूरत नहीं है की नंबर पोर्टेबिलिटी ऑपरेटर और नंबर पर निर्भर करता है।
TRAI ने इसलिए सार्वजानिक रूप से नयी टर्म्स एंड कंडीशन को बता दिया है जिनके बाद ही यूनिक पोर्टिंग कोड जेनरेट होगा।
- अगर आपका नंबर पोस्टपेड है तो आपको आउटस्टैंडिंग राशी का पूरा भुगतान करना होगा।
- मौजूद ऑपरेटर में यूजर को 90 दिन से कम नहीं होना चाहिए।
- पहले से ही नंबर चेंज करने की कोई रिक्वेस्ट नहीं होनी चाहिए।
- जिस मोबाइल नंबर को पोर्ट किया जाना है, वह किसी पुलिस केस में इस्तेमाल नहीं होना चाहिए है।
- नंबर पोर्टेबिलिटी पर कोर्ट से रोक ना हो।
एक बार यूनिक पोर्टिंग कोड इशू हो जाये और वैलिडिटी के अंदर पोर्टिंग रिक्वेस्ट भी सबमिट हो जाये तब यूजर निश्चित हो सकता है की अब उसकी रिक्वेस्ट रिजेक्ट नहीं होगी। कॉर्पोरेट यूजर के लिए सबसे पहले कॉर्पोरेट कंपनी के एक प्रमाण पत्र सबमिट करना होगा और उसके बाद ही प्रोसेस पूरी होगी।
इसके अलावा अगर आप मौजूद सर्किल में ही पोर्ट करना चाहते है तो सिर्फ 3 दिन का समय लगेगा। किसी दुसरे सर्किल में पोर्ट करने में आपको लगभग 5 दिन का समय लग सकता है। टेलिकॉम ऑपरेटर पोर्टिंग चार्ज के तौर पर 6.46 रुपए का भी शुल्क लेंगे।