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भारत में साइबर क्राइम की शिकायत कैसे दर्ज कराएं

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भारत में इंटरनेट अब केवल मनोरंजन का एक साधन नहीं है, जिस पर आप केवल फिल्में देखें या सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करें। बढ़ती हुई टेक्नोलॉजी के साथ, लोगों के जीवन में इंटरनेट एक सबसे ज़्यादा इस्तेमाल की जाने वाली सर्विस है, जिसके साथ हम बच्चों के स्कूल की फीस से लेकर बिजली, गैस के बिल भी भरते हैं और अपने बैंक अकाउंट को नंबर से लिंक करके, लगभग सभी ट्रांसैक्शन करने के लिए भी इंटरनेट ही चाहिए। इसके अलावा भी ये सर्विस कई कामों में इस्तेमाल होती है। इन्हीं सब कामों के शुरुआत के साथ साइबर क्राइम का भी जन्म हुआ है।

इंटरनेट के बढ़ते हुए इस्तेमाल के साथ, ऑनलाइन फ्रॉड, लोगों को कॉल करके किसी बहाने से UPI के OTP इत्यादि पूछकर धोखाधड़ी करने जैसे अपराध भी बढ़ते जा रहे हैं। लेकिन ऐसे अपराधों के लिए अब भारत में एक फोरम मौजूद है, जहां आप ऑनलाइन हुए किसी भी अपराध की शिकायत दर्ज कर सकते हैं। इन शिकायतों को साइबर क्राइम (Cyber crime) के तहत दर्ज किया जाता है। अगर आपके साथ भी ऑनलाइन ऐसी कोई घटना हुई है, तो आप इस आर्टिकल में जान सकते हैं कि आपको कहाँ और कैसे शिकायत करनी है। और अगर आप सुरक्षित हैं तो भी, आपको ये जान लेना चाहिए कि किसी के भी साथ साइबर क्राइम होने पर आपको क्या करना चाहिए ?

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साइबर क्राइम क्या है ?

साइबर क्राइम में वो जुर्म शामिल हैं, जिनमें एक कंप्यूटर/लैपटॉप, नेटवर्क डिवाइस या इंटरनेट नेटवर्क द्वारा ये जुर्म किये जाते हैं। इस अपराध में किसी की भी ऑनलाइन सिक्योरिटी या फाइनेंसियल हेल्थ (आपका धन) को नुक्सान पहुंचाया जा सकता है। साइबर क्राइम की दुनिया में इन्हें वाइट कॉलर क्राइम कहा जाता है। इस तरह के जुर्मों के लिए लगभग हर राज्य में एक साइबर सेल मौजूद है, जहां पीड़ित लोग अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

साइबर क्राइम कितनी तरह के होते हैं ?

मुख्यत: साइबर क्राइम 6 तरह के होते हैं –

  • साइबर स्टाकिंग – इस क्राइम के अंतर्गत वो जुर्म आते हैं, जहां कोई भी इंटरनेट का इस्तेमाल करके किसी एक व्यक्ति या लोगों के ग्रुप को बार-बार परेशान किया जाता है। जैसे किसी पर भद्दे कमेंट करना, धमकी भरे ई- मेल भेजना, किसी पर गलत आरोप लगाना।
  • हैकिंग – हैकिंग के बारे में आप सब जानते ही होंगे। हैकिंग वो जुर्म है, जिसमें डिजिटल डिवाइसों का उपयोग करके, गैर कानूनी तरीके या चोरी से किसी के बैंक अकाउंट या कंप्यूटर का एक्सेस लिया जाता है, या यूँ कहें कि चुराया जाता है।
  • साइबर बुली – साइबर बुल्ली (Cyber Bullying) में वो जुर्म आते हैं, जिसमें किसी व्यक्ति की पोस्ट पर अभद्र भाषा में या नकारात्मक कमेंट किये जाते हैं। किसी के बारे में उसकी ऐसी निजी बातें या अन्य जानकारी लोगों तक शेयर करना, जो उसे शर्मिंदा करे।
  • ऑनलाइन चोरी – ऐसे जुर्म जहां इंटरनेट का इस्तेमाल करके, किसी व्यक्ति के बैंक अकाउंट की जानकारी हैक करके या धोखे से हासिल करके, उसके पैसे चुराना या ऑनलाइन उसके क्रेडिट/डेबिट कार्ड का उपयोग करना।
  • साइबर आतंकवाद – ये साइबर और आतंकवाद का मिला-जुला रूप है। इसके अंतर्गत इंटरनेट का इस्तेमाल करके शहरों पर हमले करने की धमकियाँ, या सरकार की महत्वपूर्ण जानकारी पर हमला या उसे कम्प्यूटर द्वारा चोरी करने जैसे अपराध शामिल हैं।
  • चाइल्ड सोलिसिटिंग या गलत व्यवहार – ये वो जुर्म है, जहां इंटरनेट पर बच्चों से पोर्न वीडियो बनाने के लिए कहा जाता है या उनके साथ ऑनलाइन गलत व्यवहार किया जाता है।

इसके अलावा फिशिंग स्कैम (किसी अच्छी कंपनी के नाम पर ई-मेल द्वारा आपसे आपके बैंक आकउंट, आधार कार्ड, ई-मेल, पासवर्ड इत्यादि जैसी जानकारी निकलवाना), सॉफ्टवेयर हैकिंग, जैसे अन्य क्राइम भी साइबर क्राइम में ही आते हैं।

हमारे साथ काम करने वाले के साथ भी हुआ एक साइबर क्राइम

इससे पहले हम आपको ये बताएं कि साइबर क्राइम की रिपोर्ट कैसे करनी है, आपको अपने एक सहकर्मी (colleague) की कहानी बताते हैं।

मेरे साथ काम करने वाली एक सहकर्मी को एक अंजान व्यक्ति का कॉल आया और उसने बोलै कि वो Paytm से बोल रहा है। उसने कहा कि वो एक मैसेज भेजेगा, जिस पर क्लिक करने के बाद Paytm से की जाने वाली हर ट्रांसेक्शन पर उन्हें 5% का कैशबैक मिलेगा। उन्हें सुनकर ये ऑफर अच्छा लगा और उन्होंने अपने मैसेज ऐप में जाकर वो मैसेज खोला, लेकिन उसमें मौजूद लिंक पर क्लिक नहीं किया। लेकिन सिर्फ उस मैसेज को खोलने से ही इनके Paytm वॉलेट से 15,000 रूपए कट गए और किसी अनजान व्यक्ति को चले गए। जिस व्यक्ति के मोबाइल नंबर पर पैसे गए, उन्हें फ़ोन करने पर जब हमारे दोस्त ने पूछा, तो उन्होंने कहा कि उन्हें कोई पैसे नहीं आये हैं।

इसके बाद तुरंत इन्होंने अपने किसी कज़िन को फ़ोन किया, जो Paytm Movies डिपार्टमेंट में काम करते थे। और उस कज़िन ने कुछ ही मिनटों में इनके नंबर और जिस नंबर पर पैसे गए, दोनों को ब्लॉक कर दिया। इसके बाद इनके कज़िन ने इन्हें साइबर सेल जाकर शिकायत करने को कहा। जब ये अपने नज़दीकी साइबर सेल पहुंची, तो वहाँ लोगों ने फॉर्म भरने में इनकी मदद की और शिकायत दर्ज की। एक कंप्लेंट आईडी भी इन्हें दी गयी। इसके बाद कंप्लेंट आईडी और शिकायत की कॉपी के साथ कुछ स्क्रीनशॉट के प्रूफ लगाकर इन्होने Paytm में भेजे, जिसके बाद ये साबित हुआ कि वो पैसे इन्हीं के थे और चोरी हो गए थे।

10-12 का समय लगा, लेकिन इनके सारे पैसे वापस मिल गए और जिस अकाउंट में पैसे गए थे, उन्हें चोरी के लिए Paytm पर सील कर दिया गया। अच्छा ये हुआ, कि इनका कोई जानकार Paytm में मौजूद था और इन्होंने घटना के तुरंत बाद उन्हें फ़ोन कर लिया। लेकिन ऐसे में आप साइबर क्राइम में रिपोर्ट भी कर सकते हैं और Paytm के कस्टमर केयर नंबर पर जाकर भी कुछ मदद मांग सकते हैं।

हालांकि इन्हें यहां पर किसी ने गाइड किया और साइबर सेल भेजा, बहुत लोग ऐसे हैं, जिन्हें नहीं पता कि ऑनलाइन चोरी होने के बाद करना क्या है, तो आप इस आर्टिकल द्वारा उनकी भी मदद कर सकते हैं।

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आइये अब जानते हैं कि साइबर क्राइम की शिकायत कहाँ दर्ज करें

  • सबसे पहले cybercrime.gov.in खोलें और ‘फाइल अ कंप्लेंट’ (file a complaint) के विकल्प को चुनें।
  • सभी शर्तों (terms and conditions) को मानते हुए ‘Accept’ पर क्लिक करें।
  • इसके बाद ‘Report Other Cybercrime’ पर क्लिक करें।
  • अब ‘Citizen Login’ यानि नागरिक द्वारा लॉग-इन पर क्लिक करें और मांगी गयी डिटेल को भरें। (जैसे नाम, राज्य, यूज़र का नाम, मोबाइल नंबर इत्यादि)
  • मोबाइल नंबर डालने के बाद, ‘Get OTP’ की बटन पर क्लिक करें और मोबाइल पर आये OTP को भरकर, नीचे दिख रहे captcha को पूरा करें और ‘submit’ का बटन दबाएं।
  • इसके बाद आपके सामने नया पेज खुलेगा, जिसमें एक फॉर्म होगा। इस फॉर्म में शिकायत दर्ज करने के लिए चार भागों (Incident Details, Suspect Details, Complaint details, और preview) में मांगी गयी जानकारी भरें और submit कर दें।
  • इसके लिए आपको सुबूत के तौर पर अपने सोशल मीडिया के अकाउंट डिटेल और वेबसाइट URL जैसी जानकारी देनी पड़ सकती है।
  • इसके बाद ‘Save and Next’ पर क्लिक करें।
  • सस्पेक्ट यानि जिसे आप अपराधी मानते हैं, उसकी डिटेल मांगी जाएगी। (अगर आपके पास है तो)
  • इसके बाद अपनी ई-मेल आईडी, फोटो, अन्य जानकारी देते हुए अगले स्टेप पर बढ़ें।
  • अब Preview की बटन दबाकर देखें, कि आपने जो भी जानकारी भरी है, वो पूरी तरह सही होनी चाहिए। अगर ये सही है, तो ‘कन्फर्म और सबमिट’ की बटन दबाएं। और बस आपकी शिकायत दर्ज हो गयी।
  • आप अपनी फाइल की हुई शिकायत की कॉपी PDF फॉर्मेट में डाउनलोड भी कर सकते हैं।

इसके बाद आपको आपके नंबर पर की हुई कंप्लेंट की आईडी मिल जाएगी।

साइबर क्राइम की शिकायत दर्ज करने में पूछे जाने वाले प्रश्न

1. अगर किसी के घर के पास साइबर सेल नहीं है, तो वो क्या करे ?

अगर ऐसा है, तो आप नज़दीकी पुलिस थाने में भी रिपोर्ट कर सकते हैं।

2. क्या साइबर क्राइम की कंप्लेंट या शिकायत करने के लिए कोई अलग फॉर्मेट है ?

नहीं, ऐसा कोई अलग फॉर्मेट नहीं है। आप एक साधारण लेटर या एप्लीकेशन में आपके साथ हुए साइबर क्राइम की डिटेल भरकर, नज़दीकी पुलिस थाने या साइबर सेल में शिकायत कर सकते हैं।

3. अगर साइबर सेल आपकी शिकायत लिखने या स्वीकार करने से मना कर दे तो ?

ऐसा होने पर आप एक लेटर सीधा नज़दीकी जुडिशल या न्यायिक मजिस्ट्रेट के पास लेकर जाएँ कि आपकी शिकायत साइबर सेल ने क्यों नहीं लिखी है।

4. साइबर सेल में शिकायत करने के लिए आपको क्या कागज़ात चाहिए ?

ये कागज़ात आपकी कंप्लेंट के साथ सुबूत के तौर पर जमा किये जाते हैं। इनमें ऑनलाइन फ्रॉड से सम्बंधित स्क्रीनशॉट, मैसेज या कोई रिकॉर्डिंग भी आप पेश कर सकते हैं। जैसे PayTm wallet से पैसे चोरी होने पर, टट्रांसेक्शन के स्क्रीनशॉट और ट्रांसेक्शन आईडी व पैसे डेबिट होने पर आये मैसेज के स्क्रीनशॉट को प्रूफ के तौर पर पेश किया जा सकता है।

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