दिल्ली मेट्रो से सफर करने वाले यात्रियों को लाइन में लगकर टोकन खरीदने की झंझट से जल्द छुटकारा मिलेगा। बस उन्हें अपने स्मार्टफोन का उपयोग करना होगा और वे आसानी से कहीं भी जा सकते हैं। दरअसल, DMRC (दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन) वर्तमान में एक नई फोन-आधारित क्यूआर कोड टिकटिंग तकनीक का परीक्षण कर रही है। यह तकनीक उपयोग के लिए तैयार है और जून के अंत तक इसे लॉन्च करने की तैयारी की जा रही है।
HT की रिपोर्ट के अनुसार, DMRC इस नई तकनीक की टेस्टिंग कर रही है, ताकि जब यह सुविधा शुरू की जाए तो यात्रियों को क्यूआर कोड टिकट जनरेट करने में या किसी तरह की अन्य परेशानी का सामना ना करना पड़े। इसके परीक्षण कई चरणों में जारी हैं।
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DMRC में कॉर्पोरेट संचार के प्रधान कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल ने बताया कि नई क्यूआर कोड तकनीक का इस्तेमाल कर ई-टिकट जनरेट करने के लिए यात्रियों को दिल्ली मेट्रो रेल ऐप का इस्तेमाल करना होगा। ऐप यूज़र्स को कई विकल्पों के माध्यम से भुगतान करने की सुविधा देगा और भुगतान होते ही क्यूआर कोड जनरेट करेगा। इस सुविधा के शुरू होने के बाद यात्रियों को मेट्रो स्टेशन में प्रवेश के लिए बस अपने स्मार्टफोन को AFC (स्वचालित किराया संग्रह) गेट पर क्यूआर कोड स्कैनर के सामने रखना होगा।
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क्यूआर कोड से ई-टिकट की शुरुआत के साथ यात्रियों के पास टोकन खरीदने, स्मार्ट कार्ड का उपयोग करने या पेपर-आधारित क्यूआर टिकट खरीदने का विकल्प होगा। लेकिन अधिकारियों ने बाद में धीरे धीरे टोकन की सुविधा को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के संकेत दिए हैं।
क्यूआर कोड आधारित पेपर टिकट के ट्रायल में आईं कई दिक्कतें
DMRC ने हाल ही में अपने सभी स्टेशनों पर क्यूआर कोड आधारित पेपर टिकट शुरू किए। हर एक मेट्रो स्टेशन पर कम से कम दो प्रवेश और निकास के एएफसी गेट पर क्यूआर कोड स्कैन करने की सुविधा दी है। फिर भी, यह ट्रायल पूरी तरह से सफल नहीं रहा क्योंकि कुछ यात्रियों ने नई प्रणाली के साथ गड़बड़ियों और कठिनाइयों का सामना करने की सूचना दी है। अब इन असुविधाओं को दूर करने की कोशिश में DMRC के अधिकारी लगे हुए हैं।