क्या आपको भी लगता है कि IP67 / IP68 या IP69 के जैसे सर्टीफिकेशनों के साथ आपके फ़ोन धूल और पानी से सुरक्षित हैं और आप इन्हें बिंदास इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर ऐसा है तो ख़बर आपके लिए ही है।
आज के समय में OnePlus 13 और Vivo X200 Pro जैसे प्रीमियम स्मार्टफोनों से लेकर Realme 14x जैसे बजट फोनों में भी ये सर्टिफिकेशन मिलते हैं। इन रेटिंग्स के साथ कंपनियां ये दावा तो करती हैं कि आपके फ़ोन धूल से सुरक्षित है और कुछ गहरे पानी या हाई-टेम्परेचर पानी के जेट्स को सहन करने की क्षमता रखते हैं, लेकिन कोई भी कंपनी इसे वारंटी में शामिल नहीं करती है। इसका सीधा सीधा मतलब ये है कि अगर आपका फ़ोन पानी से खराब होता है, तो वारंटी में ठीक या रिप्लेस नहीं होगा और ऐसे में आपको या तो रिपेयर के पूरे पैसे देने होंगे या नया फ़ोन लेना होगा।
ऐसे में सबसे पहले ये जानना ज़रूरी है कि आखिर IP68 / IP69 रेटिंग क्या हैं ? और दूसरा प्रश्न ये है कि क्यों कम्पनियाँ इसे वारंटी में शामिल करने से डरती हैं ?

IP68 / IP69 रेटिंग क्या हैं?
IP का मतलब है इंटरनेशनल प्रोटेक्शन या इंग्रेस प्रोटेक्शन, ये किसी डिवाइस को धूल (ठोस कणों) और पानी या अन्य लिक्विड से बचाने की क्षमता को बताता है। IP68 और IP69 में IP के साथ दो अंकों का कोड है। इनमें पहला नंबर 6 ठोस कणों (जैसे धूल) से सुरक्षा का स्तर बताता है और दूसरा नंबर जैसे 8 या 9 पानी से सुरक्षा का स्तर बताता है। ये कोड ही तय करता है कि आपका फ़ोन या डिवाइस किन किन परिस्थितियों में और कहाँ तक पानी और धूल से सुरक्षित है।
IP68 रेटिंग में 6 के साथ फोन पूरी तरह धूल से सुरक्षित है और 8 अंक का मतलब है ये 1 मीटर तक गहरे पानी में 30 मिनट तक बिना नुकसान के रह सकता है। वहीँ IP69 रेटिंग में 6 अंक के साथ फ़ोन धूल से उतना ही सुरक्षित है, जितना पहली वाली रेटिंग में, वहीँ 9 अंक के साथ डिवाइस हाई-प्रेशर पानी (जैसे हैवी जेट से) और गर्म पानी या स्टीम क्लीनिंग को भी झेल सकता है।
वैसे IP69 रेटिंग मुख्य रूप से मेडिकल डिवाइस और रोड इक्विपमेंट जैसे उपकरणों के लिए डिज़ाइन की गई थी। स्मार्टफोन के लिए इसका महत्व उतना नहीं है, कोई ये आपके रोज़मर्रा के स्मार्टफोन के इस्तेमाल में कोई ख़ास अंतर नहीं लाता। अंतर यह है कि IP68 गहरे पानी में डूबने के लिए बना है, जबकि IP69 तेज पानी की धार और भाप जैसी सख्त परिस्थितियों को सहने के लिए।

कम्पनियाँ IP68 / IP69 रेटिंग को वारंटी में शामिल क्यों नहीं करतीं ?
दरअसल इन सर्टीफिकेशनों के लिए डिवाइस को काफी कठिन टेस्टों से गुज़ारना पड़ता है, लेकिन ये टेस्टिंग साफ़ या फिल्टर्ड पानी के साथ किये जाते हैं और अगर इन फोनों पर समुद्र के पानी या गंदगी गिरती है, तो ये पूरी तरह खराब हो सकते हैं। कम्पनियां जब IP69 या 68 रेटिंग की बात करती हैं, तो उनका मतलब है रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में कहीं मजबूरी में जब आपका फ़ोन पानी में भीग जाता है या गिर जाता है, तो वहाँ से काफी हद तक सुरक्षित है, लेकिन अगर आप इसे लेकर बीच पर गए हैं और वहाँ फ़ोन अंडरवाटर जा रहा है, तो ऐसी परिस्थितियों में डिवाइस निर्माता की वारंटी क्षतिपूर्ति नहीं करती।
इसी तरह के हादसों में कंपनी को नुक्सान न हो, इसीलिए इन रेटिंग्स को वारंटी में शामिल नहीं किया जाता और हम भी आपसे यही कहेंगे कि स्मार्टफोन जिन उद्देश्यों के लिए बने हैं, उन्हें आप उनके लिए पूरी तरह से इस्तेमाल करें, लेकिन फ़ोन को जानकर अंडरवॉटर न लेकर जाएँ या कठिन परिस्थियों में इसे पानी में ले जाने से बचाएं।
कुल मिलाकर, IP69 एक नया फ़ीचर है, जिसके साथ कम्पनियां अपने फ़ोन का प्रचार जरूर कर रहीं हैं, लेकिन ये स्मार्टफोन को ज़्यादा वॉटरप्रूफ नहीं बनाता। इसे आप एक एक्स्ट्रा फीचर की तरह देख सकते हैं, लेकिन रोज़ की ज़िन्दगी में ये उतना काम का नहीं है।
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