फीचर फ़ोन से शुरुआत करते हुए, भारी और बड़े स्क्रीन से लेकर, फोल्डेबल फ़ोन तक, स्मार्टफोनों की यात्रा काफी लम्बी रही है। इस दौरान हमने स्मार्टफोनों में लगभग हर साल कई नयी तकनीकों को आते देखा है और इनमें इनोवेशन की बात करें तो, मोबाइल टेक्नोलॉजी में इसकी कोई सीमा नहीं है। पहले केवल वायरलेसली कॉल करने की मांग से शुरू हुए इस सफर में अच्छी डिस्प्ले, फिर कैमरा, फ़ास्ट चार्जिंग, हाई रिफ्रेश रेट, कैमरा में अलग अलग लेंस का बदलाव और अब फोल्डेबल डिज़ाइन तक कई नयी टेक्नोलॉजी सामने आयीं। इनमें नवीनतम है फोल्डेबल डिस्प्ले, जो धीरे धीरे काफी पॉपुलर हो चुकी है।
फोल्डेबल फ़ोन, स्मार्टफोन डिज़ाइन में एक नया पड़ाव है, जिसके साथ यूज़र्स को एक अच्छी और फ्लेक्सिबल स्क्रीन का अनुभव मिलता है। हालांकि ये टेक्नोलॉजी कुछ साल पहले आयी थी, लेकिन तब से इसमें किये जाने वाले निरंतर सुधारों के बाद आज बाज़ार में इसके साथ कुछ बेहतरीन विकल्प उपलब्ध हैं। लेकिन एक डिज़ाइन के अलावा फोल्डेबल फोनों के और क्या लाभ हैं, जिनके लिए एक उपयोगकर्ता इतनी ऊँची कीमत देता है ?
इस लेख में, हम आपको यही बताने वाले हैं कि वास्तव में फोल्डेबल फ़ोन कितना उपयोगी है। ये एक उपयोगकर्ता को कैसा अनुभव देता है और साथ ही इसमें अगर कुछ कमियां हैं, तो वो क्या हैं ?
क्या हैं फोल्डेबल फ़ोन ?
फोल्डेबल फ़ोन को बेहतर समझने के लिए उनके बेसिक या मूल डिज़ाइन के सिद्धांत को समझना ज़रूरी है। ये डिवाइस फ्लेक्सिबिलिटी यानि लचीलेपन को ध्यान में रखकर बनायी गयी है, जिसके साथ आप इसे लम्बे समय तक कितनी भी बार खोलें या फोल्ड करें, ये आपको एक अच्छा अनुभव देंगे। साथ ही फोल्ड और अनफोल्ड होने पर ये कितने कार्यकुशल हो सकते हैं इसका भी ध्यान रखा जाता है, जिसके लिए सॉफ्टवेयर में भी काफी ज़रूरी बदलाव करने पड़ते हैं। इस समय बाज़ार में अलग अलग शेप और साइज़ के कई फोल्डेबल फ़ोन मौजूद हैं, जिनमें Pixel Fold और Galaxy Z Fold 5 जैसे बड़े फ़ोन और Moto Razr, Galaxy Z Flip 5 और Oppo Find N3 Flip जैसे छोटे आकार के फ्लिप फ़ोन, जिनमें ज़रुरत के अनुसार एक बड़ी डिस्प्ले भी है।
हिन्ज मैकेनिज़्म
इन सभी अलग अलग आकार के फोल्डेबल फोनों का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है, इनका हिन्ज मैकेनिज़्म। एक अच्छी और मज़बूत हिन्ज के साथ ही ये तय किया जा सकता है कि फोल्डेबल फ़ोन के मुड़ने की योग्यता कैसी है। ये रोज़मर्रा में कितना फ्लेक्सिबल और मज़बूत रहेगा, ये हिन्ज पर भी निर्भर है।
एक अच्छी हिन्ज ये आप उसके फोल्ड – अनफोल्ड होने की योग्यता तो तय कर सकते हैं, लेकिन रोज़मर्रा में एक फोल्डेबल को इस्तेमाल करने के क्या लाभ आपको मिलेंगे, आइये ये जानते हैं –
फोल्डेबल स्मार्टफोनों के फायदे – Advantages of Foldable Phones
फोल्डेबल फोनों में केवल उनका फोल्ड होना ही एक आकर्षक फैक्टर नहीं होता, बल्कि आप इनसे और भी काफी कुछ कर सकते हैं, जैसे कि मल्टीटास्किंग, सबसे अधिक इस्तेमाल जाने वाले ऐप्स में बेहतरीन अनुभव और इनकी पोर्टेबिलिटी के कारण मिलने वाली सुविधा।
फोल्डेबल डिज़ाइन मल्टीटास्किंग को और बेहतर करता है
एक फ्लेक्सिबल (लचीले) स्क्रीन डिज़ाइन, जो दो डिस्प्ले पर काम कर सकता है, आपको इन दोनों स्क्रीनों में स्विच करते हुए ऐप्स में मल्टीटास्किंग के और तरीकों को पेश करता है। जब आप अंदर की बड़ी स्क्रीन से बाहर की कवर स्क्रीन पर आते हैं, तो ऐप उसके साइज़ के अनुसार वहाँ फिट हो जाती है, जिससे आप उसे आसानी से इस्तेमाल कर सकें।
इस समय कई पॉपुलर ऐप्स हैं, जो फोल्डेबल फ्रेंडली फ़ीचर जैसे स्प्लिट-स्क्रीन, फ्लेक्सिबल लेआउट को सपोर्ट करती हैं और आपके लिए किसी भी स्क्रीन पर आसानी से ढल जाती हैं, जिससे मल्टीटास्किंग काफी आसान हो जाती है।
फ्लिप फ़ोन में फ़ोन को आधा फोल्ड करने पर आप आसानी से वीडियो कॉलिंग जैसे काम कर सकते हैं और रियर कैमरा को ही सेल्फी लेने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीँ Galaxy Z Fold 5 जैसे बड़े फोनों को जब आप 90 डिग्री पर फोल्ड करते हैं, तो ऐसे में ऐप एक स्क्रीन पर फिट हो जाती है और दूसरे भाग को आप किसी अन्य ऐप के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
तो फोल्डेबल और बड़ी डिस्प्ले पर कई ऐप्स को साथ में चलाने की क्षमता अन्य बार स्मार्टफोनों के मुकाबले ज़्यादा है। इन पर उपयोगकर्ता एक ही समय में कई कार्यों के बीच आसानी से स्विच कर सकते हैं, जिससे उनकी उत्पादकता या प्रोडक्टिविटी बढ़ जाती है।
कॉम्पैक्ट डिज़ाइन के साथ बड़ी स्क्रीन
अपनी मुख्य बड़ी स्क्रीन के साथ भी फोल्डेबल फ़ोन आसानी से कहीं भी फिट हो जाते हैं और काफी पोर्टेबल हैं। ख़ासकर फ्लिप फ़ोन, जिनमें लगभग 7 इंच की स्क्रीन के साथ भी ये काफी कम जगह लेते हैं। तो काम करते समय जैसे कई ऐप्स का एक साथ इस्तेमाल, कहीं रास्ते में एक स्क्रीन पर मीटिंग लेते हुए, दूसरी तरह अन्य ऐप में उससे सम्बंधित काम करना, इत्यादि को सुलभता से करने के लिए आपको काफी बड़ी स्क्रीन मिलती हैं, और जब ये काम पूरे हो जाएँ, तो इन्हें फोल्ड करके ये आसानी से आपकी छोटी सी पॉकेट में फिट भी हो जाते हैं। साथ ही फोल्डेबल फ़ोन आज के समय में काफी प्रीमियम हैं, जो भीड़ में आपके हाथ में होने पर अलग से आपकी तरफ लोगों का ध्यान आकर्षित करते हैं।
मल्टीमीडिया और एंटरटेनमेंट
इन बड़ी फोल्डेबल स्क्रीनों के साथ कंटेंट देखने का अनुभव भी काफी बेहतर हो गया है। अगर एक बड़े फोल्डेबल फ़ोन की बात करें तो, उसमें अंदर 7.6-इंच तक की डिस्प्ले होती है, जिस पर कंटेंट देखने का मज़ा ही अलग है। साथ ही हाई-एन्ड फ़ोन होने होने के कारण, ये फ्लेक्सिबल स्क्रीन AMOLED / LTPO पैनल के साथ आती हैं, जहां बड़ी स्क्रीन के साथ क्वॉलिटी भी अच्छी मिलती है। साथ ही गेमर्स के लिए भी बड़ी स्क्रीन पर सुलभताएं और बढ़ जाती हैं।
बेहतर और उपयोगी कैमरा सेटअप
फोल्डेबल फ़ोन की एक और ख़ासियत है, इनके कैमरा सेटअप। फोल्ड हो या फ्लिप, दोनों में ही रियर कैमरा को आप कई तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं। सबसे पहले तो फ़ोन को कहीं भी रखकर अलग अलग एंगल से, इनसे स्थिर तस्वीरें ले सकते हैं।
इनके इस फ्लेक्सिबल डिज़ाइन के कारण इनके प्रीमियम प्राइमरी कैमरा को सेल्फी कैमरा की तरह ही इस्तेमाल किया जा सकता है और सेल्फी लेने के लिए भी आपको ये फ़ोन हाथ में पकड़ने की ज़रूरत नहीं है, जिसके कारण सेल्फी में भी आप हैंडफ्री नए नए पोज़ में फोटो ले सकते हैं।
फोल्डेबल फ़ोन के नुकसान – Disadvantages of foldable phones
हालांकि फोल्डेबल स्मार्टफोनों के साथ स्मार्टफोन टेक्नोलॉजी में एक बड़ा और महत्वपूर्ण बदलाव आया है, लेकिन हर नयी तकनीक की अपनी कुछ चुनौतियां भी होती हैं और फोल्डेबल फोनों के साथ भी ऐसा ही है। कई तरह से उपयोगी होने के बाद भी, इन फ्लेक्सिबल स्क्रीनों के अपने नुक्सान भी हैं।
फोल्डेबल फोनों के सॉफ्टवेयर और ऐप्स का इस्तेमाल
हालांकि सभी कंपनियों ने फोल्डेबल फोनों के अनुसार, सॉफ्टवेयर में काफी कस्टमाइज़ेशन किए हैं, लेकिन अब भी सभी ऐप्स इन फ्लेक्सिबल डिस्प्ले के साइज़ों के लिए अनुकूल नहीं हैं।
हालांकि फोल्डेबल फोनों में हार्डवेयर अच्छा दिया जाता है, लेकिन कई ऐप्स इन डिवाइसों के अनुसार अब भी अच्छी तरह से ऑप्टिमाइज़ नहीं होते हैं। क्योंकि फोल्डेबल फोन्स फिलहाल गिनती में काफी कम हैं, शायद इसीलिए अभी सभी ऐप्स ऑप्टिमाइज़ करने या इन्हें फ्लेक्सिबल डिस्प्ले के अनुसार अपग्रेड करने के बारे में डेवलपर या कंपनियां नहीं सोच पाए हैं।
अब भी फोल्डेबल फ़ोन में कुछ ऐप्स आपको ऐसे मिल सकते हैं, जो दोनों स्क्रीनों के बीच में तालमेल बिठा पाने में पूरी तरह से सक्षम न हों। ऐसा हो सकता है, कि आपकी कोई पसंदीदा ऐप, फोल्डेबल फ़ोन के अनुसार न चल पाए, जो थोड़ा निराशाजनक हो सकता है।
फ्लेक्सिबल होने के कारण मज़बूती पर प्रश्न बना रहता है
हालांकि एक नज़रिए से देखें तो, कई फोल्डेबल फ़ोन, अन्य पारंपरिक स्मार्टफोनों के मुकाबले मज़बूत हो सकते हैं, लेकिन इनके डिज़ाइन के कारण इनमें कई तरीकों से नुकसान की संभावना थोड़ी ज्ज़्यादा रहती है। ख़ासतौर से इनके हिन्ज और फोल्डिंग मेकेनिज़म नाज़ुक होते हैं। सबसे पहले तो, इनके फोल्ड होने वाले डिज़ाइन के कारण आप बैक कवर का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं और ऐसे में अगर आप फोन गिरा दें, तो नुक्सान हो सकता है। हालांकि इनकी स्क्रीन पर सुरक्षा के लिए ग्लास होता है, लेकिन ये भी ध्यान देने वाली बात है कि किसी भी तरह के नुक्सान होने पर, इन स्क्रीनों की मरम्मत काफी महंगी है।
इसके अलावा हिन्ज के लगातार 1-2 साल के इस्तेमाल के बाद, हिन्ज के ठीक तरह से काम न करने या स्क्रीन के टूट जाने जैसी समस्याएं भी कभी कभी उपयोगकर्ताओं द्वारा आयीं हैं ,हालांकि पिछले दो सालों में कंपनियों ने हिन्ज पर काम भी किया है, जिससे इनमें सुधार भी देखा गया है।
छोटी बैटरी
फोल्डेबल फ़ोन, अपनी स्क्रीन विविधताओं के चलते, बैटरी थोड़ी ज़्यादा ही लेते हैं, लेकिन इनके डिज़ाइन के कारण, इनमें उतनी बड़ी बैटरी नहीं मिल पाती, जितनी साधारण स्मार्टफोनों में होती है। ऐसे में लम्बे समय तक इनका इस्तेमाल करने पर अगर ये काम के बीच में बंद हो जाएँ, तो थोड़ा निराशाजनक भी होता है। साथ ही इतनी ऊँची कीमत पर भी इनमें वो फ़ास्ट चार्जिंग स्पीड भी नहीं मिल पाती, जो साधारणत: फ्लैगशिप फोनों में मिल रही है, जैसे 80W, 120W, 150W, इत्यादि।
ऊँची कीमतें
हालांकि फोल्डेबल स्क्रीन के साथ आपके स्टाइल स्टेटमेंट में एक और एलिमेंट जुड़ जाता है और ये कई तरीकों से काफी उपयोगी भी है, लेकिन साथ ही ये काफी महंगे भी होते हैं। उदाहरण के लिए Samsung Galaxy Fold 5 की कीमत 1,54,999 रुपए से शुरू होती है, वहीँ Flip 5 और हाल ही में लॉन्च हुए Oppo Find N3 Flip की शुरुआती कीमतें भी 1,00,000 रुपए और 94,999 रुपए हैं। इन्हीं ऊँची कीमतों के कारण ये फ़ोन देश की अधिकतर जनता की पहुँच से बाहर भी हैं और जो खरीद सकते हैं, उनमें से बहुतों के अनुसार ये ज़्यादा महंगे हैं।
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