जल्द ही माता-पिता अपने किशोरों यानि टीन्स बच्चों के YouTube अकाउंट के साथ अपना YouTube अकाउंट लिंक कर पाएंगे। Youtube इस नए फ़ीचर के साथ माता-पिता को उनके किशोरों (13 – 20 साल तक के बच्चों ) के YouTube अकाउंट पर थोड़ी नज़र रखने की अनुमति दे रहा है, लेकिन इसके साथ बच्चों को पूरा स्पेस मिल सके, इसका भी ध्यान रखा गया है। इस नए फ़ीचर के साथ माता-पिता ये ट्रैक कर पाएंगे, उनके बड़े होते बच्चे Youtube पर किस तरह का कंटेंट देख रहे हैं और क्या वीडियो अपलोड कर रहे हैं। फ़ीचर के साथ इस कच्ची उम्र के बच्चों को सुरक्षा और माता-पिता का सपोर्ट देने की कोशिश की गयी है।
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YouTube Parenting Control फीचरों में जुड़ा एक नया फ़ीचर
YouTube अपने पैरेंटल कंट्रोल फीचरों में ये नया फ़ीचर जोड़ रहा है, इस फीचर के साथ माता-पिता ये जान पाएंगे कि उनके बच्चे Youtube पर किस तरह का कंटेंट अपलोड कर रहे हैं, या किस तरह के कंटेंट को सर्च कर रहे हैं। इन सभी चीज़ों को लेकर माता – पिता को मेल के रूप में नोटिफिकेशन मिलेंगे, जिनके आधार पर वो अपने बच्चों से बात कर पाएंगे। इसके अलावा बच्चों के Youtube कंटेंट देखने में कहीं कुछ गलत कंटेंट शामिल तो नहीं है, इसको लेकर भी वो सजग रहेंगे और अपने बच्चों को राय दे पाएंगे।
ये नया अपडेट YouTube के Family Centre hub का ही हिस्सा है। इसमें पेरेंट्स बच्चों के द्वारा सब्सक्राइब किये गए चैनलों की डिटेल भी जान सकते हैं। इस नए फ़ीचर को लेकर Youtube का मानना है कि Common Sense Networks के साथ मिलकर, इस नए फ़ीचर द्वारा माता-पिता अपने किशोरों को थोड़ा जिम्मेदारी से और सही कंटेंट क्रिएटर बनना सिखा सकते हैं। लेकिन बच्चों स्वतंत्र रहे, इसीलिए कुछ कंटेंट या चीज़ें उन्हीं तक सीमित रहेंगी, या कह सकते हैं कि प्राइवेट रहेंगी।
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लेकिन इस फ़ीचर के साथ किशोर बच्चों की मन:स्थिति को ध्यान में रखते हुए, उनके स्पेस को भी सुनिश्चित किया गया है। विस्कॉन्सिन-मेडिसन यूनिवर्सिटी की बाल विशेषज्ञ, एलेन सेल्की ने इस नए फ़ीचर को लेकर कहा है कि इस उम्र के बच्चों के लिए यह बहुत ज़रूरी है कि उन्हें स्वतंत्र रूप से बढ़ने का एक स्पेस मिले, लेकिन ये भी जानना आवश्यक है कि जब भी उन्हें मदद की ज़रूरत हो, माता-पिता उनके सपोर्ट में मौजूद हों। उन्होंने इसे “विश्वास करो, लेकिन सत्यापित भी करो” (Trust, but verify) के नज़रिये के रूप में देखने की सलाह दी है। साथ ही बताया है कि YouTube के ये नए पैरेंटल फीचर्स माता-पिता और बच्चों दोनों को ऑनलाइन गतिविधियों के बारे में एक साथ समझने और निर्णय लेने में मदद कर सकते हैं।
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