स्मार्टफोन की प्रोडक्टिविटी कैसे बढाएं – आप चाहे iPhone यूज़र हों या Android यूज़र, आप सोच भी नहीं सकते कि आपका स्मार्टफोन आपकी एफिशिएंसी और प्रोडक्टिविटी (उत्पादकता) को कितना बढ़ा सकता है। आज की एडवांस टेक्नोलॉजी के साथ स्मार्टफोन एक बेहद शक्तिशाली डिवाइस है, जो केवल वेब ब्राउज़िंग और सोशल मीडिया या गेम खेलने के लिए ही हैं, बल्कि ऑफिस के भी कई प्रकार के कामों में और घर की कई मुश्किलें हल करने में काम आने लगा है। आपका स्मार्टफोन लगभग हर काम में आपकी मदद कर सकता है। लेकिन हद से ज़्यादा इसका इस्तेमाल भी नुकसानदायक भी साबित हो सकता है।
स्मार्टफोन पर जिस तरह ईमेल, मैसेजिंग, वेब ब्राउज़िंग वीडियो एडिटिंग जैसे काम आसानी से किये जा सकते हैं, वहीँ गेम्स और सोशल मीडिया ऐप्स पर स्क्रॉलिंग करते रहना काम के समय में आपका ध्यान भटकाते हैं। अब प्रश्न ये है कि स्मार्टफोन की प्रोडक्टिविटी को आप कैसे बढ़ाएं, जिससे निजी और दफ्तर के जीवन में आपकी भी प्रोडक्टिविटी बढ़ सके।
स्मार्टफोन आपके काम को कुशलता से कर सकता है, फिर चाहे दफ्तर के ईमेल या ज़रूरी ऐप्स हों या फिर ध्यान भटकाने वाले सोशल मीडिया ऐप्स या न्यूज़ फीड्स चेक करना। दरअसल फ़ोन को और अधिक प्रोडक्टिव बनाने के लिए आपको ध्यान देना होगा कि आपकी प्राथमिकता क्या है और उसी के अनुसार फ़ोन का इस्तेमाल करें। जैसे – यदि ऑफिस के काम के लिए ईमेल, मैसेजिंग, वेब ब्राउज़िंग, और निजी इस्तेमाल के लिए म्यूजिक स्ट्रीमिंग ऐप्स और यूट्यूब आपके लिए ज़रूरी हैं, तो आप इन ऐप्स को होम पेज पर रखें, वहीँ बाकी ऐप्स जिनसे ध्यान भटकता है, उन्हें हटा दें। अगर हटाना संभव नहीं है तो सभी ऐप्स को ऐसे सेट करें, जिससे प्रोडक्टिविटी बनी रहे और जो ऐप्स रोज़ के काम में बाधा हैं, आप उन तक न पहुंचे। अब ये कैसे करें, इसी का जवाब हम इस लेख में आपको दे रहे हैं।
स्मार्टफोन की प्रोडक्टिविटी कैसे बढाएं या अपने स्मार्टफोन को और ज़्यादा स्मार्ट कैसे बनाएं
1. होम स्क्रीन पर केवल ज़रूरी ऐप्स को जगह दें
स्मार्टफोन की होम स्क्रीन भी हमारे ऑफिस के डेस्क की तरह व्यवस्थित रहनी चाहिए। ध्यान रखें कि ऑफिस जाने वाले लोग इस पर कंटेंट स्ट्रीमिंग या गेमिंग ऐप्स न रखें। सोशल मीडिया ऐप्स जैसे Instagram भी इस पर न रखें, जिस पर लोग घंटों केवल स्क्रॉलिंग में बर्बाद कर देते हैं। होम स्क्रीन को व्यवस्थित रखने का मतलब है केवल वही ऐप्स रखना जिनका आप दफ्तर या घर के ज़रूरी कामों के लिए रोज़ाना इस्तेमाल करते हैं ताकि ये आपकी फिंगर टिप्स पर रहे। इसके लिए स्पच समझकर 5-10 ऐप्स की लिस्ट बनाएं और उन्हें होने स्क्रीन पर लगा लें जैसे कॉलिंग ऐप, मैसेजिंग ऐप (जैसे WhatsApp), कैलेंडर, म्यूजिक स्ट्रीमिंग ऐप, Gmail, इत्यादि। इससे नेविगेशन आसान होगी और समय भी बचेगा और बाकी की फालतू ऐप्स पर आपका ध्यान थोड़ा कम जायेगा।
2. ज़रूरी ऐप्स को वाइटलिस्ट करें
स्मार्टफोन की प्रोडक्टिविटी कैसे बढाएं, इसके लिए सबसे पहले जरूरी ऐप्स को वाइटलिस्ट करें, ताकि उनकी सभी नोटिफिकेशन आपको बिना रूकावट मिलती रहें।
ऐप वाइटलिस्ट करना क्या है? – दरअसल, एंड्रॉइड फोन में किसी भी ऐप को वाइटलिस्ट करने का मतलब है, उसे अपनी प्राथमिकता पर रखना। इसके लिए आपको इन ऐप्स को बैटरी और नोटिफिकेशन सेटिंग्स में प्राथमिकता देनी होगी ताकि उन ऐप्स की एक्टिविटी बैकग्राउंड में भी चलती रहे और सभी नोटिफिकेशंस भी समय पर मिलें। इसके लिए आप नीचे दिए स्टेप्स फॉलो कर सकते हैं।
बैटरी सेटिंग्स में वाइटलिस्ट करें:
- सेटिंग्स ऐप खोलें।
- बैटरी या बैटरी ऑप्टिमाइज़ेशन विकल्प पर जाएं।
- बैटरी ऑप्टिमाइज़ेशन या ऑप्टिमाइज़ ऐप्स विकल्प चुनें।
- यहां वो ऐप चुनें जिसे वाइटलिस्ट करना चाहते हैं और उसके ऑप्टिमाइज़ न करें। इसके लिए शायद कुछ फोनों में Don’t Optimize ऑप्शन मिल सकता है।
नोटिफिकेशन सेटिंग्स में वाइटलिस्ट करें:
- सेटिंग्स ऐप में जाएं।
- नोटिफिकेशन या ऐप्स एंड नोटिफिकेशन विकल्प चुनें।
- यहां ऐप को ढूंढें और टैप करें।
- नोटिफिकेशन को ऑलवेज ऑन या हाई प्रायोरिटी में सेट करें।
3. जो ज़रूरी ऐप्स नहीं है उनके नोटिफिकेशन बंद करें
यहां मैं आपके साथ अपना अनुभव शेयर करुँगी। जब भी Instagram से कोई नोटिफिकेशन पॉप-अप होता है, तो तुरंत ध्यान जाता है। इसके बाद सिर्फ नोटिफिकेशन देखकर हम फ़ोन नहीं रखते, बल्कि इस पर टैप करते हैं और वहाँ से Instagram की स्क्रॉलिंग शुरू हो जाती है, जिससे ज़रूरी काम से ध्यान भी भटकता है और समय की बर्बादी भी होती है। इसीलिए ये बहुत ज़रूरी है कि काम के समय में हम गेमिंग ऐप्स, सोशल मीडिया ऐप्स और अन्य ध्यान भटकाने वाले ऐप्स की नोटिफिकेशन को बंद कर दें। इससे आपका ध्यान बार-बार आने वाली अनचाही नोटिफिकेशन्स से नहीं भटकेगा, और आप काम पर फोकस बनाए रख सकेंगे। इसके लिए बस गेमिंग और सोशल मीडिया ऐप्स में जाकर उनकी नोटिफिकेशन सेटिंग्स को बंद कर दें या उन्हें साइलेंट पर सेट कर दें। आप काम के बाद इन्हें ऑन भी कर सकते हैं।
4 फ़ोन और लैपटॉप को सिंक करें
अपने फ़ोन और लैपटॉप को सिंक करके भी आप अपने दोनों डिवाइसों को काफी प्रोडक्टिव बना सकते हैं। इसके साथ जो काम आप लैपटॉप पर कर रहे हैं, उसे कहीं और जाकर फ़ोन से भी आगे जारी रख सकते हैं। इसके लिए कई तरीके हैं -जैसे लिंक टू विंडोज ऐप – इसे फ़ोन और PC दोनों पर डाउनलोड करके Microsoft अकाउंट से लॉग-इन करें और ज़रूरी परमिशन दें और दोनों को आपस में कनेक्ट कर लें।
इसके अलावा Google Account के साथ भी आप Android फ़ोन व अपने Windows/Mac लैपटॉप को आपस में कनेक्ट कर सकते हैं। आप डॉक्यूमेंट बनाने व स्टोर करने के लिए Google Drive और Google Docs का इस्तेमाल करें, यहां खुद ही दया सेव हो जायेगा और आप उन्हें किसी भी डिवाइस से खोलकर काम कर सकते हैं। इसके अलावा iCloud और Microsoft OneDrive भी कुछ इसी तरह काम करते हैं।
5. अपने फ़ोन की सभी एक्टिविटी को ट्रैक करें
मेरा Instagram टाइम काफी था, हालांकि स्क्रॉल करते हुए इसका अंदाज़ा नहीं लगता। कई बार वीकेंड में जब हम कोई वेब सीरीज़ शुरू करते हैं, तो हम हफ्ते में कई बार दफ्तर में बैठे उसे आगे देखते हैं और समय काफी ज़्यादा निकल जाता है, जिसका अन्दाज़ा नहीं लगता और बाद में अफ़सोस होता है। ऐसी समय नष्ट करने वाली एक्टिविटी के लिए आप फ़ोन के इस्तेमाल को ट्रैक करें, जिससे आपको पता चले कि मैं कहाँ समय बर्बाद कर रहा/रही हूँ। एंड्रॉइड फोनों में Settings में का Digital Wellbeing फीचर में आपको हर ऐप की जानकारी मिलती है, कि आपने कौन सी ऐप कितनी सेर इस्तेमाल की। साथ ही आप यहां से ऐप्स पर टाइमर भी लगा सकते हैं। जैसे दफ्तर के दिनों में Instagram या OTT ऐप्स के लिए 30 मिनट का टाइमर सेट करें और जैसे ही आप ऐप को इतनी देर इस्तेमाल कर लेंगे, ये अपने आप पूरे दिन के लिए बंद हो जाएगी। इससे आप अपना काफी समय बचा सकते हैं।
6. Password Manager का इस्तेमाल करें
अगर आपके पास कई अकाउंट्स हैं और हर एक का पासवर्ड अलग है, तो पासवर्ड मैनेजर का इस्तेमाल करने से भी आपका काफी समय बच सकता है और आप इन पासवर्डों को आसानी से ट्रैक कर सकते हैं। इसके साथ आप सभी पासवर्ड्स को एक जगह पर स्टोर कर सकते हैं। वैसे तो Google Password Manager इस काम के लिए अच्छा विकल्प है, लेकिन इसके अलावा भी कई पासवर्ड मैनेजर ऐप्स होती हैं, जिनमें इन-बिल्ट पासवर्ड जनरेटर होते हैं, जो आपको एक सुरक्षित पासवर्ड बनाने में भी मदद करते हैं और ऐप्स के लिए ऑटो-फिल पासवर्ड का ऑप्शन भी देते हैं।
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